Monday, May 05, 2008

कुछ तल्खियां छुपी थीं, बातों मे उनकी शायद

हम समझ ही न पाए, और बात बढ़ गयी।

इन फासलों ने मुझको, पत्थर सा कर दिया है

कहते हैं लोग मुझसे, बड़ा तल्ख़ बोलते हो।